article in indian constitution in hindi,भारतीय संविधान का अनुच्छेद

 article in indian constitution in hindi

सभी के लिए बराबर कानून को सविधान कहते है, भारतीय सविधान में 22 भाग तथा 395 अनुच्छेद है |

                    भाग – 1

अनुच्छेद -1

भारत राज्यों का संघ (यूनियन) है अर्थात इसके राज्य कभी –भी नही टूटकर अलग नही हो सकते है |

Note- जो देश fedesation  होते है,उसके राज्य टूट सकते है

 जैसे:- सोवियत संघ,U.S.A

 

अनुच्छेद – 2

संसद राष्ट्रपती को पूर्व सुचना देकर किसी भी विदेशी राज्य को भारत में मिला सकता है |

Ex-16 may 1975 के सिकिक्म का भारत में विलय हुआ

 

अनुच्छेद – 3

संसद राष्ट्रपती को पूर्व सुचना दे कर वर्तमान किसी भी राज्य के नाम को बदल सकते है |

जैसे:- बिहार से झारखंड अलग

उङीसा से ओडिसा

 

अनुच्छेद – 3

अनुच्छेद-2 और अनुच्छेद-3 में किया गया संसोधन अनुच्छेद ३६८ के बाहर रखा गया है, अर्थात इस संसोधन को राष्ट्रपती नहीं रोक सकते है|

भारतीय संविधान का  अनुच्छेद



                       भारतीय राज्यों का इतिहास

आजादी के समय भारत 552 से अधिक देशी रियासत (राज्य) में टुटा हुआ था | अंग्रेजो ने इन्हे यह आधिकार दिया कि थे राज्य भारत में मिला सकते है, या पाकिस्तान में मिल सकते है या स्वत्रंत देश के रूप में बन सकते है| इन रियासतों को भारत में मिलाने का सरदार पटेल तथा k.k मेनन ने उन्होंने सभी राज्यों को भारत में विलय करा दिया,किन्तु तीन राज्य विलय होने के लिए तैयार नही थे |

1.      जम्मू कश्मीर :-

यह एक स्वत्रंत बनना चहता है यहा के राजा हरि सिंह थे और उन प्रधानमंत्री शेख अब्दुला था ईएसआई बीच पाकिस्तान के इशारा पर कश्मीर में घुसपैठ होने लगी जिसके बाद 24 oct 1947 को कश्मीर विलय पत्र पर हस्तक्षर करके भारत अंग बन गाया |

 

2.      जूनागढ़ :-

यह गुजरात का एक रियासत था जो पाकिस्तान में जाना चाहता था, किन्तु सरदार पटेल ने जमानत संग्रह कराकर उसे भारत में मिला दिया |

3.   हैदराबाद

हैदराबाद के निजाम हैदराबाद को पाकिस्तान में मिलाना चाहते थे | किन्तु सरदार पटेल ने पुलिस की वर्दी में सेना भेजा जिसे आपरेशन पोलो कहा गया |


                                   इन सभी रियासतों को मिलकर एक भारत का निर्माण किया गया | इन भारत को 4 राज्यों में A,B C,D में बाटा गया|


भाषाई आधार पर राज्यों का गठन के लिए 1949 में S.K घर आयोग का गठन किया गया किन्तु इसने भाषाईं के आधार पर राज्यों के गठन का विरोध किया |


 तेलगु भाषा के लिए अलग राज्य के मांग करते हुए पेट्ट श्री रामतु भूख हरताल पा बैठा गया | और 56 दिन के भूख हरताल के बाद इसकी मिरतु हो गई फल स्वरूप जनता का विरोध बढ़ गया | फल स्वरूप नेहरु जी ने 10 oct 1953 में तेलगु भाषा के लिए अन्र्त: यह भाषा के आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य बना |


भाषायी आधार पर राज्यों को गठन के लिए 1953 में फजल अली आयोग का गठन किया जाया इसने अपनी रिपोट 1956 में दिया और भाषायी आधार पर राज्यों को क़ानूनी मन्यता दे दिया | इस आयोग के फल स्वरूप 7 वा सविधान संशोधन 1956 में पारित हुआ इसके बाद A,B,C,D को रद्द करके भाषायी आधार पर 14 राज्य तथा 6 केंद्र शाषित प्रदेश बनाए गए |

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